झूठे लोगो के सामने झूठी मुस्कान के बदले
सच्चे लोगो के सामने रोना कई गुना अच्छा होता है
झूठे लोगो के सामने झूठी मुस्कान के बदले
सच्चे लोगो के सामने रोना कई गुना अच्छा होता है
कैसा होता जितना सुन्दर चेहरा उतना सुन्दर मन होता
कैसा होता जितना सुन्दर बात उतना सुन्दर सोच होता
कैसा होता जितना सुन्दर मन उतना सुन्दर नियत होता
कैसा होता जितना सुन्दर हसी उतना सुन्दर वजह होता।
कैसा होता जितना सुन्दर शरीर उतना सुन्दर लिवाज होता
कैसा होता जितना सुन्दर जीबन उतना सुन्दर आचरण होता
कैसा होता जितना सुन्दर आंखे उतना सुन्दर नज़र होता
कैसा होता जितना सुन्दर आप उतना सुन्दर कर्म होता।
कैसा होता जितना सुन्दर समय उतना सुन्दर उपयोग होता
कैसा होता जितना सुन्दर समाज उतना सुन्दर सोच होता
कैसा होता जितना सुन्दर दोस्त उतना सुन्दर दोस्ती होता
कैसा होता जितना सुन्दर साथी उतना सुन्दर साथ होता
P.PATRA
आज का बिचार : इंसान को इंसान से प्यार नहीं है . इंसान को इंसान के पद और प्रतिष्ठा से प्यार है. जब पद और प्रतिष्ठा मैं कमी आती है तो सम्बन्ध ...