Thursday, 1 May 2025
Monday, 21 April 2025
Saturday, 29 March 2025
ज्ञान और अज्ञान
एक ज्ञानी अगर अज्ञानी के नज़र से खुद को देखेगा तो अज्ञानी ही पायेगा।
एक अज्ञानी अगर ज्ञानी के नजर से खुद को देखेगा तो अज्ञानी ही पायेगा। P.PATRA
କଳିଯୁଗର ଦେବତା
କଳିଯୁଗରେ ଦେବତାମାନେ ମଧ୍ୟ ସମାଜର କୁପ୍ରଭାବରୁ ନିଜକୁ ରକ୍ଷା କରିପାରିଲେ ନାହିଁ | ସେମାନେ ମଧ୍ୟ ଲାଞ୍ଚୁଆ ହୋଇଗଲେଣି | ଭକ୍ତର ଭକ୍ତିକୁ ଛାଡି ଭୋଗ, ମିଠା, କଦଳୀ, ଦେଖି ଆଶୀର୍ବାଦ ଦେଉଛନ୍ତି| ମୁଁ ତ ଗୋଟିଏ ଗରିବ ସେବକ ମାତ୍ର, କଣ ଅବା ଦେଇପାରିବି | ଯାହା ମାଗଣାରେ ମିଳୁଥିବା ଫୁଲ ଓ ମନ ଭିତରେ ଥିବା ନିଷ୍କପଟ ଭକ୍ତି ଛଡା | ବଦଳରେ ଯାହା ଦବ ମୁଣ୍ଡ ନୁଆଇଁ ନେବା ଛଡା ଅନ୍ୟ ଗତି ନାହିଁ| ଦେଖିବା କେବେ ତୁମର ସ୍ୱାଦ ବଦଳୁଛ| ସେତେବେଳେ ମୁଁ ମଧ୍ୟ ଧନୀ ଭକତ ହୋଇଯାଇଥିବି | ମୋ ପାଖରେ ମଧ୍ୟ ଦେବା ପାଇଁ ମିଠା,ଭୋଗ, କଦଳୀ ଥିବା ହେଲେ ମନରେ ସେ ଭକ୍ତି ନ ଥିବ |
(ଧନ୍ୟ ତୁମେ, ତୁମ ଭକ୍ତ, ଓ ଭକ୍ତି)
Thursday, 19 December 2024
सच और झूट
झूठे लोगो के सामने झूठी मुस्कान के बदले
सच्चे लोगो के सामने रोना कई गुना अच्छा होता है
सुन्दर
कैसा होता जितना सुन्दर चेहरा उतना सुन्दर मन होता
कैसा होता जितना सुन्दर बात उतना सुन्दर सोच होता
कैसा होता जितना सुन्दर मन उतना सुन्दर नियत होता
कैसा होता जितना सुन्दर हसी उतना सुन्दर वजह होता।
कैसा होता जितना सुन्दर शरीर उतना सुन्दर लिवाज होता
कैसा होता जितना सुन्दर जीबन उतना सुन्दर आचरण होता
कैसा होता जितना सुन्दर आंखे उतना सुन्दर नज़र होता
कैसा होता जितना सुन्दर आप उतना सुन्दर कर्म होता।
कैसा होता जितना सुन्दर समय उतना सुन्दर उपयोग होता
कैसा होता जितना सुन्दर समाज उतना सुन्दर सोच होता
कैसा होता जितना सुन्दर दोस्त उतना सुन्दर दोस्ती होता
कैसा होता जितना सुन्दर साथी उतना सुन्दर साथ होता
P.PATRA
प्यार
आज का बिचार : इंसान को इंसान से प्यार नहीं है . इंसान को इंसान के पद और प्रतिष्ठा से प्यार है. जब पद और प्रतिष्ठा मैं कमी आती है तो सम्बन्ध ...